धर्म की स्थापना के लिए प्रकट होते हैं भगवान- योगेन्द्र कृष्ण शास्त्री

धर्म की स्थापना के लिए प्रकट होते हैं भगवान- योगेन्द्र कृष्ण शास्त्री

हर पल निगाहें ब्यूरो

हरचंदपुर रायबरेली क्षेत्र के पूरे गुलाब सिंह (कंडौरा) में आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा के चतुर्थ दिवस गुरुवार श्रीधाम वृंदावन से पधारे प्रख्यात व्यास योगेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने भक्त व भगवान की सारगर्भित व्याख्या करते हुए कहा अपने आराध्य के प्रति सेवा और समर्पण का भाव रखने वाले भक्त के ऊपर कभी भगवान दुख, संकट नहीं आने देते है। परमात्मा के पावन नाम की अपरम्पार महिमा है। वापर युग के अंत में जब पृथ्वी पर अत्यधिक पाप होने लगा पापी कंस ने जीव मात्र को सताना आरंभ कर दिया अपनी बहन देवकी का विवाह श्री वसुदेव जी के साथ में किया आकाशवाणी के द्वारा बताया गया की देवकी के आठवीं संतान कंस तेरा काल बनेगी कंस भयभीत हो गया और देवकी वसुदेव को जेल में बंद करके यातनाएं देने लगा धीरे-धीरे 6 पुत्रों का वध कंस के द्वारा हुआ सातबे श्री बलराम जी एवं आठवें पुत्र के रूप में मथुरा की जेल में भगवान श्री कृष्ण का अवतार हुआ अपनी लीलाओं के द्वारा प्रकृति का संवर्धन किया गोचारण लीला करके गाय की महिमा को बताया यमुना जी से कालिया नाग का मर्दन करके जल संरक्षण की महिमा को बताया वृक्षों एवं गिरिराज पर्वत का पूजन कर कर प्रकृति की पूजा को महत्व दिया प्रकृति को नष्ट करने वाले दोष रूपी राक्षसों का वध करते हुए श्री कृष्ण जी ने पापी कंस का उद्धार किया और जन मानस को कर्म करने के लिए प्रेरित किया और इस मौके पर सपत्नीक यजमान वीरेंद्र सिंह ( राम जी), विद्या सिंह, नरेंद्र सिंह भंडारी, प्रशांत सिंह (भोले), राम मिश्र, प्रवीण दुबे, बाबा रामचंद्र मिश्र, उपेन्द्र मिश्र, वीरेंद्र सिंह, राजेश शुक्ल, दीपू सिंह, तेज बहादुर सिंह कल्लू, नर बहादुर सिंह, आशूं मिश्र, आनंद त्रिपाठी, दिनेश सिंह, गीता सिंह, सुधा सिंह, शीला शुक्ला, शैलू सिंह जितेन्द्र सिंह आदि तमाम लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहें।

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