जोहवाशर्की गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन
हर पल निगाहें ब्यूरो
हरचंदपुर रायबरेली-क्षेत्र के जोहवाशर्की गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के समापन दिवस पर श्री धाम वृंदावन से आयें कथा ब्यास पंडित गोपाल शास्त्री ने कृष्ण रुक्मिणी के विवाह का वर्णन करते कहा रुक्मिणी जी भगवान कृष्ण के अद्भुत रूप सौंदर्य का गुणगान सुनकर बिना देखे ही उन्हें मन ही मन अपना पति मान लेतीं हैं।
परमात्मा के सामने समर्पण करने का सुखद परिणाम प्राप्त होता है।
भगवताचार्य ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा भगवान के बाल सखा, सहपाठी सुदामा स्वाभिमानी ब्राह्मण है। दुख संकट के झंझावातों से घिरे सुदामा अपने मित्र कृष्ण के पास मदद के लिए जाने नहीं तैयार है।
भगवान साधु वेश में उनके दरवाजे पर भिक्षा मांगने आते हैं।
सुदामा की पत्नी सुशीला कहती है हमारे घर में आपको देने के लिए कुछ भी नहीं है।
तब भगवान सुशीला से कहते हैं जिसके मित्र स्वयं द्वारकाधीश हो वह कैसे गरीब हो सकता है। सुदामा भगवान के पास क्यों नहीं जाते हैं। पत्नी के समझाने पर सुदामा द्वारिका जाने के लिए तैयार हुए।
सुदामा ने पत्नी से कहते है मित्र के पास खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। सुशीला घरों से चावल मांगकर लाती है।
रास्ते में नाविक रूप में भगवान उन्हें नाव पर बैठाकर नदी पार कराते हैं। वहां का वैभव देख सुदामा चावल भेट करने में सकुचाते हैं।
कृष्ण पोटली छीनकर दो मुट्ठी चावल खाकर दो लोक की सम्पत्ति दे देते हैं।
कथा के दौरान कृष्ण रुक्मिणी, सुदामा की भव्य झांकी निकाली गयी।
यजमान सपत्नीक पत्नी इंद्रेश कुमार चौरसिया गायत्री चौरसिया ने व्यास पीठ का पूजन किया।
इस मौके पर राज कुमार चौरसिया, रामदास चौरसिया, दीपक चौरसिया, हरि ओम, प्रेम शंकर, विक्रम चौरसिया, ऊषा, दीपिका, संजना, बिंदन, बिट्टो, सरोज, कोमल, कमला, नीलम, संदीप शर्मा, मुल्ली चौरसिया, अजय साहू, अंजनी पाठक, रमाकांत द्विवेदी, राजाराम चौरसिया आदि लोग मौजूद रहें।